अजवाइन इतनी उपयोगी!

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प्रस्तावना

रसोई का यह छोटा-सा बीज — अजवाइन — रसोई, मुँह साफ करने या घरेलू औषधि के रूप में सबको परिचित है। इसका प्रयोग तात्कालिक उपचार और पुराने तथा जिद्दी रोगों में बहुत उपयोगी है। यह वातनाशक, दर्दनाशक, कफघ्न और कृमिनाशक है।

अजवाइन के घरेलू उपयोग और विधियाँ

  • सिरदर्द / ज़ुकाम
    सर्दियों और बरसात में ज़ुकाम या वात से होने वाले सिरदर्द में अजवाइन चबाना या पीसकर नाक के पास पोटली बनाकर सूंघना लाभकारी है। सोंठ के साथ पीसकर गरम लेप करने से भी कुछ राहत मिलती है। सिरदर्द में उपयोग होने वाले अधिकांश पेन बाम में भी अजवाइन का अर्क प्रयोग होता है।
  • बच्चों के ज़ुकाम में राहत
    छोटे बच्चों के लिए अजवाइन की छोटी पोटली गले में बाँधने से उसमें से निकलने वाला उड़नशील तेल नाक पर असर करता है और श्वसन नलिकाओं को आराम देता है।

  • आवाज बैठना
    ज़ुकाम और वात के कारण आवाज बैठ गई हो और गले में दर्द हो, तो अजवाइन चबाना लाभदायक है।
  • दाँत का दर्द
    बाहर गाल पर अजवाइन का गरम लेप या हिंग के साथ अजवाइन पीसकर दर्द वाले दाँत पर लगाने से राहत मिलती है। दाँत में कीड़ा लगने पर अजवाइन की धूनी लेना भी फायदेमंद है।
  • छाती और श्वसन नली का दर्द
    अजवाइन और नमक चबाने से या छाती पर गरम अजवाइन का लेप करने से दबाव और दर्द घटता है। हृदय-सम्बंधित अस्थिरता और हृदय पीड़ा में भी अजवाइन एक उपयोगी औषधि है। यह हृदय-शूल नाशक है और हृदय रोगियों के लिए भी स्थायी रूप से उपयोगी है।
  • पेट दर्द और गैस
    पेट में अत्यधिक गैस, उदरशूल या मरोड़ होने पर अजवाइन को नमक के साथ फूंककर लेना पारंपरिक रूप से लोकप्रिय है। मरोड़ या अफारे के लिए अजवाइन, सौंफ और हींग का चूर्ण गरम पानी के साथ लेने की सलाह दी जाती है।
  • कृमि (कीड़े) नाशक
    तीखेपन और कड़वाहट के कारण अजवाइन कृमिनाशक है। अजवाइन के साथ वावडिंग, हींग और भूने काँचके का महीन चूर्ण दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
  • जोड़ों का दर्द और आमवात (गठिया)
    मेथी और अजवाइन बराबर मात्रा में लेने से जोड़ों के दर्द में राहत मिलती है। घुटनों के दर्द और सूजन में सोंठ और गुग्गुल का लेप करना चाहिए। अजवाइन, सोंठ और मेथी का चूर्ण लंबे समय तक लेने से आमवात में लाभ होता है। आमवात के रोगियों को भोजन में यथासंभव अजवाइन अधिक लेना चाहिए।
  • शीतपित्त (Urticaria / पित्ती)
    आयुर्वेद के मूल ग्रंथ चक्रदत्त में शीतपित्त (पित्ती / Urticaria) के लिए अजवाइन का सात दिन का प्रयोग बताया गया है। इसमें पुराने गुड़ के साथ 5 से 10 ग्राम अजवाइन सुबह और शाम लेना चाहिए। इसमें हल्दी मिलाने से और भी अधिक लाभ होता है।

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VN

वैद्य निकुल पटेल (B.A.M.S.)

आयुर्वेद कंसल्टेंट

अथर्व आयुर्वेद क्लिनिक एवं पंचकर्म सेंटर

307, तीसरी मंजिल, शालिन कॉम्प्लेक्स, फरकी लस्सी के ऊपर,
कृष्णबाग चौक, मणीनगर, अहमदाबाद 380008
समय: सोम — शुक्र, 10:00 से 18:30

YouTube:
आयुर्वेद चैनल,
सेक्सोलॉजिस्ट

वेबसाइट्स:
lifecareayurveda.com
Hindi Portal
Hindi Q&A

 

 

अजवाइन खाने के क्या फायदे हैं?

अजवाइन गैस, पेट दर्द, सिरदर्द, दाँत दर्द, जोड़ों के दर्द और शीतपित्त (Urticaria) में लाभकारी है। यह वातनाशक और कृमिनाशक भी है।

क्या अजवाइन शीतपित्त (Urticaria) में उपयोगी है?

हाँ, आयुर्वेद के ग्रंथ चक्रदत्त में शीतपित्त के लिए अजवाइन और गुड़ का सेवन 7 दिन तक करने का उल्लेख है। इसमें हल्दी मिलाने से और अधिक लाभ मिलता है।

अजवाइन पेट दर्द और गैस में कैसे मदद करती है?

अजवाइन में थाइमोल नामक तत्व होता है जो पाचन सुधारता है और गैस निकालने में मदद करता है। अजवाइन और नमक को फांककर खाने से पेट दर्द और गैस में तुरंत राहत मिलती है।

क्या अजवाइन रोज़ खा सकते हैं?

हाँ, अजवाइन की थोड़ी मात्रा रोज़ लेना सुरक्षित है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। लेकिन अधिक मात्रा में लेने से जलन या पित्त बढ़ सकता है।

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